भारत में कितने पैसे लगते हैं डॉक्टर बनने में?
सय्यद लियाकत को राजस्थान में उन छात्रों के साथ उनके अभिभावकों की मेडिकल कॉलेज में मेडिकल सीट के लिए कैरियर काउंसलिंग करनी है जिन्होने NEET तो क्वालीफाई कर पास कर लिया है लेकिन इण्डिया में सस्ते बजट वाले सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नही होना है और इण्डिया के प्राइवेट महँगे मेडिकल कॉलेज का भारी भरकम बजट नही है ।
कोटा जैसे कोचिंग संस्थानों में रह कर NEET की कॉचिंग करने के बाद सिर्फ पासिंग मार्क्स आने वाले छात्र को प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेना है तो पूरे कोर्स की फीस ही एक करोड़ रुपये से ज्यादा आ रही है
सय्यद लियाक़त मेडिकल एजुकेशन कंसलटेंट के बिजनेस में पिछले 7 वर्षों से हैं। उनका कहना है कि छात्र NEET एग्जाम क्वालीफाई तो कर लेते हैं, लेकिन उन को भारत मे कुल 82000 मेडिकल सीट में अपनी सीट नही मिल पाती है इस मे से कई ऐसे होते हैं जिन्हें महंगी मेडिकल फीस के चलते इंडिया में डॉक्टर बनने का सपना छोड़ना पड़ता है।
ऐसे में सय्यद लियाक़त जैसे मेडिकल एजुकेशन कंसलटेंट अपने आफिस में रोजाना 40 से 50 NEET पास करने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को विदेश से सस्ते पैकेज वाले मेडिकल कॉलेजों के बारे में बताते है
भारत और विदेश के मेडिकल कॉलेजों के फीस, कॉलेज,हॉस्पिटल, होस्टल, कैंटीन और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ कोर्स की समयावधि, कोर्स का शिक्षण माध्यम जैसे पहलुओं पर चर्चा कर मेडिकल शिक्षा के अभ्यर्थियों की जिज्ञासाओं को दूर करने में व्यस्त है, कुछ विदेशी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश बन्द हो गया है कुछ में अभी जारी है ।
अभिभावक पशोपेश में है किस देश मे, किस मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाना उनकी जेब और बजट को मंजूर है ।
भविष्य की योजनाओं को देख कर इंडिया में ही 1 करोड़ रुपये के बजट के कॉलेज में एडमिशन दिलाये या 24 से 35 लाख रूपयों में सम्पूर्ण खर्चा को मिला कर MBBS के कोर्स वाले सस्ते बजट वाले विदेशी मेडिकल कालेज में प्रवेश दिलाए ।
रूस, चीन और यूरोपियन कॉलेज के साथ-साथ भारत की सीमा से लगे नेपाल, बांग्लादेश के मेडिकल कॉलेज भरतीय छात्रों को ज्यादा आकर्षित कर रहे है, भारत जैसा मेडिकल पाठ्यक्रम, खान-पान, रहन सहन और एक जैसी कम्युनिटी बीमारियों का इलाज, रूस, यूक्रेन, चीन कई यूरोपियन कॉलेज में क्लीनिकल प्रक्टिस, भारत, बांग्लादेश जैसे घनी आबादी वाले देशों की क्लीनिकल प्रक्टिस जैसी भी नही है । इस तरह के कई बिन्दुओं पर चर्चा सय्यद लियाकत जैसे मेडिकल कंसल्टेंसी के ओफिस में होती रहती है ।
देखते है ये एजुकेशन कंसलटेंट अपने ज्ञान, अनुभव से कितने अभिभावकों के अपने बच्चों को डॉक्टर बनाने के सपनों को पूरा करने में मदद करते है।
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