नई नियमों के लागू होने पर विदेश से MBBS करने वाले छात्र रहेंगे फायदे में

कैसे जांनिये सीनियर मेडिकल एजुकेशन कंसलटेंट सय्यद लियाक़त अली Owner, Future Focused Edu India की जुबानी


नई दिल्ली
देशभर के सभी मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा स्नातक डिग्री MBBS में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर है। MCI अब नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने मेडिकल पढ़ाई यूजी स्ट्रीम MBBS पढ़ाई में सप्लीमेंट्री वाले छात्रोंके लिए परीक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है
NMC के मुताबिक अब MBBS फर्स्ट ईयर में सप्लीमेंट्री आने पर छात्रों को MBBS सेकंड ईयर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा ।


ऐसे में सप्लीमेंट आने वाले छात्रों को दोबारा पहले वर्ष में पढ़ाई करनी पड़ेगी. इससे पहले सप्लीमेंट्री आने पर छात्रों को दूसरे वर्ष में प्रमोट कर दिया जाता था और वे सप्लीमेंट्री एग्जाम देकर सेकंड ईयर में प्रवेश कर जाते थे । वहीं, नुकसान यह होगा कि अगर कोई मेडिकल यूनिवर्सिटी सप्लीमेंट्री एग्जाम देरी से करवाती है और रिजल्ट आने में देरी होती है तो सेकंड ईयर की पढ़ाई का नुकसान होगा. क्योंकि सेकंड ईयर की क्लासेज पहले ही शुरू हो जाती हैं. नए नियम के मुताबिक सेकंड ईयर व थर्ड ईयर में सप्लीमेंट्री आने पर छात्रों को प्रमोट किए जाने का नियम पहले की ही तरह लागू रहेगा l

इस से ज्यादा नुकसान सामान्य एवरेज परिणाम देने वाले छात्रों को होगा । पहले NEET पास करने के लिए दो-दो साल तक महंगी NEET कॉचिंग कर क्वालिफाइड कर 80 - 90 लाख के कॉलेज में एडमिशन लेना फिर जरा सा सप्लीमेंट्री आने पर छात्रों को प्रमोट नही किए जाने के नियम से पूरे 1 साल का नुकसान हो जाएगा ।

इस तरह 12 वी पास करने के बाद इक MBBS डिग्री को 7 - 8 साल लगना आम बात हो जाएगी । क्या नए नियमों को NEET की तरह मेडिकल कैरियर में नया बैरियर के रूप में नही मानेगे छात्र ।

इस से लोगों का रूझान विदेश से पढ़ाई करने में अधिक रहेगा, कारण MBBS के बाद NEXT Exam सब को देना है।

पहले 16 -17 लाख छात्रों में कंपीटिशन कर कॉलेज में प्रवेश लो, फिर इस तरह के नए नए नियमों से एक एवरेज स्किल वाले स्टूडेंट को MBBS पढ़ाई से दूर होना पड़ सकता है ।

सप्लीमेंट्री आने का कारण पढ़ाई में सीरियस नही होना ही कारण नही, पारिवारिक समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी समस्या बहुत से कारण हो सकते है

What happened If I got failed in first year MBBS ?

Failed student will have repeat first year again and student will not be promoted to second year MBBS. Pass supplementary subjects than promote to second year.

In this case, what would happen to upper limit to the number of attempts for passing the MBBS course in India after new rules implement in India.




Comments

  1. Medical studies are taken by the bright students who scores good number in their academic. MBBS abroad add colors which is beneficial if you want to practice abroad anywhere in the world.

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